Gujrat News: सरकार और फैक्ट्री मालिकों ने एक बार फिर गरीबों और मजदूरों की जन की कीमत 2 लाख लगाई
Gujrat News: 1 अप्रैल 2025 को गुजरात के बनासकांठा जिले के डीसा में मंगलवार, की सुबह 8 बजे एक पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट ने पूरे इलाके को दहला दिया हादसा उस वक्त हुआ, जब मजदूर फैक्ट्री में पटाखे बनाने के काम में जुटे थे। सुबह का शांत माहौल अचानक एक जोरदार धमाके से टूट गया। बॉयलर फटने की आवाज इतनी तेज थी कि कई किलोमीटर तक सुनाई दी। विस्फोट इतना भीषण था कि फैक्ट्री की छत और दीवारें ढह गईं, और कई मजदूर मलबे में दब गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, धमाके के बाद आग की लपटें और काला धुआं आसमान में छा गया। सबसे दर्दनाक मंजर तब सामने आया, जब मजदूरों के शरीर के टुकड़े फैक्ट्री के पीछे खेतों में 50 मीटर तक बिखरे मिले। एक स्थानीय किसान ने बताया, “मैं खेत में काम कर रहा था, तभी कुछ अजीब चीजें गिरीं। पास जाकर देखा तो वे मानव अंग थे।”
इस हादसे में मध्य प्रदेश के 21 मजदूरों की जान चली गई, जिनमें ज्यादातर हरदा जिले के हंडिया और देवास जिले के संदलपुर गांव के निवासी थे।
लगभग 6 घंटे में आग पर काबू पाया गया
विस्फोट के बाद फैक्ट्री में लगी आग इतनी भयानक थी कि फायर ब्रिगेड को इसे बुझाने में 5 से 6 घंटे लग गए। दमकल की दर्जनों से अधिक गाड़ियां मौके पर पहुंचीं, लेकिन तब तक बहुत कुछ जलकर खाक हो चुका था। मलबे से मजदूरों को निकालने के लिए राहत और बचाव दल दिनभर जुटा रहा। डीसा की एसडीएम नेहा पांचाल ने बताया, “घायलों को तुरंत सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। जानकारी के मुताबिक तीन लोग 40 प्रतिशत से ज्यादा झुलस गए हैं और उनकी हालत नाजुक है। पांच अन्य को मामूली चोटें हैं।” उन्होंने कहा कि मलबे में और लोगों के दबे होने की आशंका है, जिसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।
कुछ दिन पहले ही आए थे रोजी रोटी की तलाश में पूरा परिवार
मारने वाले सभी मजदूर हरदा और देवास के गरीब परिवारों से थे, जो रोजी-रोटी की तलाश में दो दिन पहले ही गुजरात पहुंचे थे। इनमें राकेशभाई नायक, उनकी पत्नी दलिबेन और बेटी किरेनबेन भी शामिल थे। इसी तरह लखनभाई गंगारामभाई नायक अपने पूरे परिवार के साथ इस हादसे का शिकार बने। ये लोग फैक्ट्री में मजदूरी कर अपने बच्चों का भविष्य संवारने का सपना देख रहे थे, लेकिन एक पल में सब कुछ खत्म हो गया। हंडिया गांव में राकेशभाई के घर पर कोहराम मचा है। उनकी मां ने रोते हुए कहा, “वो बोला था कि इस बार अच्छी कमाई करके आएगा, लेकिन अब उसकी लाश भी पूरी नहीं बची।”
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मध्य प्रदेश के हरदा-देवास के गांवों में छाया मातम
हादसे की खबर जैसे ही हरदा और देवास के गांवों में पहुंची, वहां मातम छा गया। हंडिया के सुरेशभाई नायक के घर पर उनकी पत्नी और बच्चे बेसुध पड़े हैं। गांव के सरपंच ने बताया, “ये लोग मेहनत-मजदूरी के लिए गए थे। अब उनके परिवार का क्या होगा?” संदलपुर में भी लखनभाई के घर पर रोना-पीटना मचा हुआ है। उनकी 14 वर्ष की बेटी लखन नी मोती बेन भी इस हादसे मे
मारी गई। गांव वाले मध्य प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक सिर्फ जांच और आश्वासनों की बातें सामने आई हैं।
पहले भी देश में पटाका फैक्ट्री में लग चुकी ही आग
. 12 सितंबर 2024: महाराष्ट्र के रोहा में साधना नाइट्रो केम स्पेशियल्टी के प्लांट में आग लगने से तीन ठेका मजदूरों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हुए। कंपनी ने इस घटना में लगभग 1 लाख रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया।
12 फरवरी 2021: तमिलनाडु के विरुधुनगर जिले में एक पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट से 19 लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक घायल हो गए।
4 मार्च 2019: मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट से 25 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए।
7 सितंबर 2012: तमिलनाडु के शिवकाशी में एक पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए।
29 अक्टूबर 2005: दिल्ली के पहाड़गंज और सरोजिनी नगर बाजारों में दीपावली से पहले हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में 60 से अधिक लोगों की मौत हुई और 200 से अधिक घायल हुए। इन धमाकों में अवैध रूप से निर्मित पटाखों का उपयोग किया गया था।
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केंद्र और राज्य सरकार से सवाल
यह हादसा मजदूरों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। हरदा में पहले भी पटाखा फैक्ट्री लगभग 7 घटनाएं हुए है और अभी गुजरात में हुए हादसे की यादें ताजा हैं,। सोशल मीडिया पर लोग सरकार और फैक्ट्री मालिकों की लापरवाही पर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “कब तक मजदूरों की जान ऐसे जाएगी? हर हादसे के बाद सुरक्षा के नाम पर सिर्फ कागजी बातें क्यों?”
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शोक जताते हुए पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिया है, लेकिन गांव वालों का कहना है कि “अब ये आश्वासन उनके अपनों को वापस नहीं ला सकते।”
जांच जारी, दोषियों को जल्द से जल्द मिलेगी सजा
एसडीएम नेहा पांचाल ने कहा, “यह हादसा दुखद है। प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। बॉयलर क्यों फटा और फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों का पालन हुआ या नहीं, इसकी पड़ताल की जा रही है।” सूत्रों के मुताबिक, फैक्ट्री के पास पटाखे बनाने का वैध लाइसेंस नहीं था, और इसे गोदाम के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति थी। फिर भी यहां पटाखे बनाए जा रहे थे, जो लापरवाही की ओर इशारा करता है। पुलिस ने फैक्ट्री मालिक खूबचंद सिंधी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के तहत मामला दर्ज किया है और गिरफ्तारी की प्रक्रिया जारी है। , जो हादसे के बाद से फरार है।
मृतक के लिए सरकारों की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
इसके अतिरिक्त, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा की है।
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