एक ऑटो ड्राइवर का लड़का बना सुपर स्टार, जानिए केरल के विग्नेश पुतुर की कहानी
एक ऑटो ड्राइवर का लड़का, जिसने अपने स्टेट की टीम के लिए नहीं खेला। वह आईपीएल में उस टीम के लिए खेलता है, जिस टीम में भारत के कप्तान रोहित शर्मा खेलते हैं। वो उस टीम के लिए खेलता है जिसमें भारत के टी20 कप्तान सूर्य कुमार यादव खेलते हैं। वो उस टीम के लिए खेलता है जिसमें भारत के टेस्ट कैप्टन बुमराह खेलते हैं। वो उस टीम के लिए खेलता है जिसमें भारत के पूर्व कप्तान हार्दिक पांड्या खेलते हैं। इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के कैप्टन सैंटनर खेलते हैं और इंडिया इमर्जिंग के कैप्टन तिलक वर्मा खेलते हैं।
वो लड़का जो आता है और पहले मैच में ही छा जाता है। यह कहानी है विग्नेश पुतुर की जिन्होंने केरल की टीम में जगह नहीं बनाई, लेकिन मुंबई ने उन्हें देखा, छांटा, ढूंढा और अफ्रीका ले गए अपने खर्चे पर और उसके बाद जब डेब्यू कराया तो उसने मौज काट दी। भाई साहब पहले ओवर में रुतुराज को, दूसरे ओवर में शिवम दुबे को,तीसरे ओवर में हुड्डा को, उन खिलाड़ियों को जो स्पिन खेलने के महारत माने जाते हैं। उन्हें आउट कर दिया पहला ओवर था भाई साहब ऋतुराज को आउट किया ऋतुराज बहुत तेज खेल रहे थे। मैच वहीं से पलटा था। वो विग्नेश फिर दुबे साहब को आउट किया, हुड्डा को आउट किया और बताया कि जो भरोसा आपने जताया है उस भरोसे पर वह खरे उतरे है। ऑटो ड्राइवर का लड़का पहले आईपीएल मैच में छा जाता है। बताता है कि वह सुपरस्टार है।
धोनी ने इसके कंधा पर हाथ रख कहा कि यार तुम जबरदस्त हो
मुंबई इंडियंस ने पहले मैच में 24 साल के विग्नेश पुथुर पर भरोसा जताया और इंपैक्ट प्लेयर के रूप में डेब्यू करवाया। कमाल थे वो, अद्भुत थे, अविश्वसनीय थे, अकल्पनीय थे और पहले ही मैच में इन्होंने अपना इंपैक्ट दिखाया। धीरी गेंद फेंकी गेंदबाज जहां पर मुंबई के सारे फ्लॉप चल रहे थे वहां पर 10 गेंद के अंदर इस लड़के ने दो विकेट निकाले। आलम यह था कि मैच के बीच में धोनी साहब ने भी इसकी तारीफ की धोनी ने इसके कंधा पर हाथ रख कहा कि यार तुम जबरदस्त हो। एप्रिशिएट किया और यह कमाल है।
ऑटो ड्राइवर है विग्नेश के पिता
बाएं हाथ का बॉलर विग्नेश पुतुर केरल के मल्लूपुरम से ताल्लुक रखते हैं। 11 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया था। पिता ऑटो ड्राइवर हैं लेकिन जो इनका एक्शन है जिस तरह से यह हैं उसके बाद मुंबई के स्काउट ने इन्हें ट्रैक किया और ट्रैक करने के बाद इन्हें ग्रूम किया और ग्रूम करने के बाद अब दुनिया के सामने रख दिया। वैसे तारीफ मुंबई की भी होनी चाहिए मुंबई बहुत सारे खिलाड़ियों को लाती है जो आते हैं छाते हैं और नाम कर जाते हैं। आप बुमराह को देख लीजिए, हार्दिक पांड्या को देख लीजिए कुरणाल को देख लीजिए। और बहुत सारे प्लेयर हैं, तिलक वर्मा है, निहाल वडेरा बहुत सारे खिलाड़ियों को मुंबई लाती है और लाती है और बस वो अलग दिखा देते हैं।
इंपैक्ट प्लेयर के रूप में करवाया डेब्यू
₹ 30 लाख के बेस प्राइस पर इस खिलाड़ी को लाया गया था और रोहित शर्मा को बाहर बिठाकर इसे इंपैक्ट प्लेयर के तौर पर उतारा गया था। बड़ी बात यह है कि इस लड़के ने घरेलू क्रिकेट तक नहीं खेला है। केरल क्रिकेट लीग के पहले सत्र में इन्होंने खेला था। मुंबई इंडियंस ने वहीं से इनको पकड़ा था और इन्होंने अब तक डोमेस्टिक नहीं खेला। केरल की टीम के लिए नहीं खेले।
यह बहुत बड़ी बात है कि केरल की टीम खेलने से पहले मुंबई के स्काउट ने वहां से इन्हें पिक कर लिया और वहां से ये आए वहां से यह ना सिर्फ आए बल्कि छा गए। केरल से निकल कर आना और इस तरह से परफॉर्मेंस देना, तीन विकेट 32 रन उस मैच में जहां पर ऑलमोस्ट सारे गेंदबाजों की पिटाई हुई हो। लीग क्रिकेट से लाकर इन्हें आईपीएल के मंच पर लाना अपने आप में एक इंटरेस्टिंग कहानी है। इसीलिए हमें लगा कि विग्नेश पुथुर की कहानी से आपको रूबरू कराते हैं क्योंकि ये लड़का शुरुआती दौर में मीडियम पेसर था बाद में इसे स्पिनर में तब्दील कराया गया इसे एक लोकल क्रिकेटर थे, मोहम्मद शरीफ जिन्होंने कहा कि भाई साहब तू लेग स्पिन कर तू अलग करेगा। उसके बाद इसने प्रैक्टिस करना शुरू किया धीरे धीरे प्रैक्टिस करते करते केरल कॉलेज प्रीमियर टी20 लीग खेला। अपने स्कूल की तरफ से और वहीं पर इसने परफॉर्म कर दिया, जबरदस्त परफॉर्मेंस दी। मुंबई इंडियंस का स्काउट जो लोकल लेवल पर लड़कों को पकड़ता है वहां जाकर उन्होंने देखा और देखकर इसे ट्रैक किया अब आईपीएल में डेब्यू कराया है।
गरीबी कस कारण पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए
पिताजी इनके अभी भी ऑटो ड्राइवर हैं। ये अपने आप में बड़ी बात है इन्होंने पढ़ाई पूरी नहीं की क्योंकि ये एक गरीब परिवार से ही आते हैं लेकिन वही था! हौसला था! जज्बा था! जुनून था! सही मौका मिला और जिस तरह की परफॉर्मेंस की है अब यहां से इनकी जिंदगी बदलेगी, घर परिवार की जिंदगी बदलेगी और ये भी आगे बहुत बड़े बन जाएंगे। लेकिन मुंबई की तारीफ इसलिए भी कर रहा हूं क्योंकि मुंबई इन्हें यहां से ले गई थी साउथ अफ्रीका एक नेट बॉलर के तौर पर वहां पर इन्हें काफी प्रैक्टिस कराई गई। राशिद खान के साथ रखा गया। मुंबई की टीम जो है उसकी फ्रेंचाइज़ अलग-अलग है और वहीं पर इन्होंने अपने आप को ग्रूम किया ग्रूम करने का असर यह था कि जब यहां मौका मिला तो फिर इन्होंने बताया।
वेल डन मुंबई इंडियंस और ऑल द बेस्ट इन जनाब को, विग्नेश फतुर आने वाले समय में और नाम करें मां-बाप का नाम करें। देश के लिए खेलें। ऐसे खिलाड़ियों की कहानियां आनी चाहिए और इसीलिए हमें लगा कि मल्लूपुरम केरला से लेकर मुंबई इंडियंस तक की कहानी को आपको बताया जाए। आप भी इस कहानी को शेयर कीजिएगा।
BAHUT SUNDAR