मानवाधिकार आयोग का आदेश – दर्ज किया जाए थाना अध्यक्ष के खिलाफ प्राथमिकी
थानों की संस्कृति में ऐसा प्राय: देखा जाता है कि थानेदार किसी मामले में प्राथमिक करने से बचते हैं तथा दोनों पक्षों के बीच आपसी समझौता कराकर मामले को रफा- दफा करने का प्रयास करते हैं | परंतु वही जब कोई जानकार या शिक्षित व्यक्ति ऐसी स्थिति का सामना करता है तो वह अपने ज्ञान के इस्तेमाल से प्रक्रियाओं का इस्तेमाल करते हुए तथा कानून के बने हुए अन्य संस्थाओं का इस्तेमाल करते हुए अपने लिए न्याय की उम्मीद जगाए रखने में कामयाब होता है |
इस कड़ी में मानवाधिकार आयोग के द्वारा सीवान जिले के सिसवन थाने के तत्कालीन थाना अध्यक्ष अरविंद कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली ने दिया है | जिस पर अगरतला करवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक सिवान के आदेशानुसार 2020 के सिसवन थाना के तत्कालीन थाना अध्यक्ष अरविंद कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी गई है |
क्या थी घटना??
दिनांक 31.7. 2020 को रितिक साह , पिता यशवंत साह, ग्राम गंगपुर सिसवन,पश्चिम पट्टी , पुलिस स्टेशन- सिसवन , जिला- सिवान के द्वारा अपने साथ एवं अपनी बहन , दादी , चाची के साथ पड़ोसी राम अवतार कुम्हार , तारकेश्वर कुम्हार विकेश कुम्हार एवं सुमित्रा देवी सभी ग्राम गंगपुर , थाना सिसवन , जिला – सिवान के द्वारा मारपीट कर ,अनुसूचित जाति जनजाति संबंधित शब्दों के भी प्रयोग से सम्मानित करने का प्रयास किया गया | इस संबंध में घटना के पीड़ित व्यक्ति के उसी दिन थाना में आवेदन दिया गया परंतु तत्कालीन थाना अध्यक्ष अरविंद कुमार पुलिस उप निरीक्षक के द्वारा ना हीं कोई प्राथमिकी की गई और ना ही कोई संज्ञान लिया गया | जिसके 18 माह बाद ऋतिक के पिता यशवंत शाह के दिए हुए लिखित आवेदन के आधार पर दिनांक 9. 12 .21 को सिसवन थाना कांड संख्या 315 / 21 , मारपीट एवं एससी एसटी के विरुद्ध दर्ज हुआ |इस बीच वादी के द्वारा मानवाधिकार आयोग में इस घटना के प्रति प्राथमिकी दर्ज न करने अपने कर्तव्यों के लापरवाही का आरोप लगाते हुए आवेदन दिया गया जिस पर संज्ञान लेते हुए मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव बिहार सरकार पटना को एक पत्र प्रेषित किया एवं आदेशित किया की चुकी तत्कालीन थाना प्रभारी अरविंद कुमार के द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने में विलंब करना , सबूत नष्ट करना , आरोपी को सबूत के साथ छेड़छाड़ करने , भागने तक का पर्याप्त अवसर दिया जाना प्रतीत होता है | जो की थाना अध्यक्ष का अपने कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही को परिलक्षित करता है | अतः अपने कर्तव्य में विफल रहने के परिणाम स्वरुप इनके खिलाफ कानून की संगत धाराओं में प्राथमिक की दर्ज की जाए |
मानवाधिकार आयोग के आदेश के आलोक में दिनांक 27.3.2025 को सिसवन थाना के तत्कालीन थाना अध्यक्ष SI अरविंद कुमार के खिलाफ सिसवन थाना कांड संख्या 104/25 दर्ज किया गया है |
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